उत्तराखंड

सरकारी अस्पतालों में अनावश्यक रेफर पर रोक, मुख्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में  जिलाधिकारियों के साथ की गई राज्य के अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा

देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर प्रदेश के जिला और उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में बेवजह मरीजों को रेफर करने पर नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि जिनका इलाज जिला या उप जिला अस्पतालों में संभव हो, उन्हें यहीं उपचार मिले। केवल गंभीर मरीजों को ही उच्च केंद्रों पर भेजा जाए।

मुख्य सचिव ने सभी जिला अस्पतालों में सामान्य और जरूरी जांचें अनिवार्य रूप से शुरू कराने, माइक्रोबायोलॉजिस्ट की तैनाती और यूरिन कल्चर जैसी महत्वपूर्ण जांचों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ वही जांचें आउटसोर्स की जाएं, जो स्थानीय स्तर पर संभव नहीं हैं। अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने और उपलब्ध सुविधाओं की विस्तृत रिपोर्ट भी स्वास्थ्य विभाग से मांगी।

उन्होंने प्रदेश में पुरानी 108 एम्बुलेंस और विभागीय एम्बुलेंसों को बदलने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने को कहा। साथ ही कुमाऊं और गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों में एक-एक आईवीएफ सुविधा और ट्रॉमा सेंटर जल्द स्थापित करने के निर्देश दिए।

बैठक में सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने अस्पतालों की मौजूदा सुविधाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फ़ैनयी, आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, रविनाथ रमन, पंकज कुमार पाण्डेय, चंद्रेश कुमार यादव, विनोद कुमार सुमन, आयुक्त कुमाऊं दीपक कुमार, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय सहित सभी जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मौजूद रहे।

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