तेज धार में राफ्टिंग करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के अब होंगे पुख्ता इंतजाम

उत्तराखंड: गंगा की तेज धार में राफ्टिंग करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के अब पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इसे लिए एक अलग से राफ्टिंग रेस्क्यू फोर्स (पुलिस यूनिट) बनाई जा रही है। यह यूनिट राफ्टिंग रूट के दो सबसे खतरनाक प्वाइंट पर तैनात रहेगी। इससे यहां हादसों के वक्त तेजी से बचाव अभियान चलाकर पर्यटकों की जान बचाई जा सकेगी।
दरअसल, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने पुलिस से इस क्षेत्र में सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग की थी। इस क्रम में पुलिस मुख्यालय ने शिवपुरी में उत्तराखंड पुलिस राफ्टिंग रेस्क्यू सेंटर खोलने का फैसला किया है। इस सेंटर के अंतर्गत ही यह बचाव यूनिट भी रहेगी। इसमें एसडीआरएफ, पीएसी, जल पुलिस और जिला पुलिस के जवान शामिल होंगे। पर्यटन विकास परिषद की मांग पर पुलिस मुख्यालय ने सोमवार को इसके आदेश जारी किए। इसकी एसओपी जल्द बनाई जाएगी।
बता दें कि ऋषिकेश में देश का सबसे बड़ा राफ्टिंग का साहसिक खेल होता है। यहां हर साल पांच से छह लाख पर्यटक राफ्टिंग के लिए आते हैं। गंगा की तेज धारा में उफनती लहरों पर खतरों की भी भरमार होती है। यहां कई ऐसे प्वाइंट हैं, जहां जान का जोखिम कई गुना ज्यादा होता है। ऐसे स्थानों पर हर साल दुर्घटनाएं होती हैं
इनमें प्रतिवर्ष चार से पांच पर्यटकों की मौत भी हो जाती है। ऐसे में गत 23 अगस्त को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अधिकारियों और राफ्टिंग कराने वाली कंपनियों ने डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात की थी। उन्होंने यहां पुलिस की विशेष टीम तैनात करने का प्रस्ताव रखा था। इस पर डीजीपी ने स्वीकृति दी। गत 30 अगस्त को डीजीपी ने एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान, एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा और पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की
इसके बाद उन्होंने शिवपुरी में राफ्टिंग रेस्क्यू सेंटर खोलने को स्वीकृति दी। इसके लिए सोमवार को एडीजी एपी अंशुमान ने आदेश भी जारी कर दिए। इसी में से दो सब यूनिट राफ्टिंग रेस्क्यू फोर्स के तौर पर भी काम करेंगी। इन्हें राफ्टिंग रूट के गोल्फ कोर्स रैपिड और थ्री ब्लाइंड माइस रैपिड में तैनात किया जाएगा। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि इन दोनों जगहों से दुर्घटना संभावित स्थानों पर बचाव कार्य आसानी से किया जा सकता है।



