देश-विदेश

पानी संकट को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

2.5 करोड़ दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य को खतरा

पड़ोसी राज्यों से हो रही वर्तमान आपूर्ति से नही हो रही पानी की मांग पूरी 

दिल्ली। भीषण गर्मी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में पानी संकट को देखते हुए दिल्ली सरकार ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश सरकारों से और अधिक पानी मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर इन राज्य सरकारों को दिल्ली को अधिक जल आपूर्ति करने का निर्देश देने की मांग की है, ताकि कम से कम एक महीने तक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराया जा सके। दिल्ली सरकार ने याचिका में कहा, पानी तक पहुंच हर व्यक्ति के बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है। पानी न सिर्फ जीवनयापन के लिए आवश्यक है बल्कि पानी तक पहुंच संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा और जीवन की गुणवत्ता की गारंटी का एक अनिवार्य घटक भी है। वर्तमान में पानी की कमी दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों के गरिमापूर्ण और गुणवत्तापूर्ण जीवन के अधिकार का उल्लंघन करती है।

याचिका में कहा गया है कि पानी की बढ़ी हुई मांग के कारण वजीराबाद बैराज का जल स्तर गंभीर रूप से कम हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप पानी की कमी हो गई है। इससे 2.5 करोड़ दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। याचिका में यह भी कहा गया कि तापमान में इस अभूतपूर्व वृद्धि से पानी की मांग बढ़ गई है, जिसे पड़ोसी राज्यों से हो रही वर्तमान आपूर्ति से पूरा नहीं किया जा पा रहा है। जल मंत्री आतिशी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका में तर्क दिया कि यह याचिका दायर करना तीव्र गर्मी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रेड अलर्ट जारी होने के कारण आवश्यक हो गया है।

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