राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को 30 साल बाद वापस लेगी सरकार

उत्तराखंड के पहले राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को 30 साल के लिए लीज पर देने के बाद सरकार अब इसे वापस लेगी। विभाग को इसके लिए सरकार से सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने तय सेवा शर्तों को पूरा नहीं किया। यही वजह है कि स्टेडियम को वापस लिया जा रहा है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर इसे कैबिनेट में लाया जाएगा।
कंपनी की ओर से एक ऐसा खाता खोला जाना था, जिसमें जमा धनराशि को बिना सहमति के निकाला नहीं जा सकता था, लेकिन खाता नहीं खोला गया। कंपनी को स्टेडियम परिसर में 2.8 एकड़ भूमि पर खेल अवस्थापनाओं के विकास के लिए दी गई थी, इसे भी नहीं किया गया। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में आइस स्केटिंग रिंक को संचालित किया जाना था, इसे भी शुरू नहीं किया गया।
साढ़े सात प्रतिशत ग्रॉस राजस्व पर दिए इस स्टेडियम को लेकर जो सेवा शर्तें थीं उसे पूरा न किए जाने से करोड़ों की लागत से बने इस स्टेडियम का ठीक से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्टेडियम को वापस लेने और इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाने की मंजूरी मिली है।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम देहरादून को वर्ष 2018 में होमग्राउंड के तौर पर अपनाया था। उस दौरान यहां टी-20 कई अंतरराष्ट्रीय मैच हुए। इसके अलावा क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने भी स्टेडियम को होमग्राउंड के रूप में चुना था।
करोड़ों की लागत से बना स्टेडियम अब बदहाल है। स्टेडियम की कुर्सियां टूटी हुई हैं। मैदान में घास उग आई है। सही देखरेख न होने से जगह-जगह धूल और मकड़ी के जाले बने हैं।
सरकार स्टेडियम को वापस ले रही है। इसके बाद पीपीपी मोड में दिया जाएगा। संबंधित कंपनी से जो लेनदेन है उसे कैबिनेट में लाया जाएगा।