उत्तराखंड

वीरान हुए दो वाइब्रेंट विलेज सूची से हटाए जाएंगे

उत्तराखंड के दो वीरान वाइब्रेंट विलेज को सूची से हटाया जाएगा। सरकार ने इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया है। मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद उत्तराखंड के वाइब्रेंट विलेज की संख्या 51 से घटकर 49 रह जाएगी। केवल 49 गांवों के लिए करीब 1200 करोड़ का एक्शन प्लान तैयार हो चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमावर्ती गांवों के विकास को वाइब्रेंट विलेज योजना की शुरुआत की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय इस योजना का क्रियान्वयन कर रहा है। इसके तहत उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चमोली में सीमावर्ती 51 गांवों को चुना गया था। इनमें से चमोली जिले का रेवालचक गांव कई साल पहले ऐवलांच की चपेट में आने के बाद खाली हो चुका है, जबकि दूसरा पिथौरागढ़ का हीरा गुमारी गांव रिजर्व फॉरेस्ट में होने की वजह से वीरान है।

वाइब्रेंट विलेज की नोडल अधिकारी नीतिका खंडेलवाल ने बताया कि इन दोनों गांवों को सूची से हटाने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है। मंत्रालय से अभी इसकी अनुमति नहीं मिली है। एक्शन प्लान पर गृह मंत्रालय ही निर्णय लेगा। हर वाइब्रेंट विलेज का अलग से एक्शन प्लान तैयार किया गया है।

उक्त सूचना पर तत्काल चौकी सिलारी पर नियुक्त कर्मगण मौके पर पहुंचे। गांव वालों की मदद से राहत एवं बचाव कार्य कर घायलों को तत्काल जिला अस्पताल बोराड़ी भिजवाया गया। घायलों में बलवीर सिंह नेगी गंभीर रूप से घायल है।

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